पहले की फोन पर बात, फिर केशरी नाथ से मिलने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
पहले की फोन पर बात, फिर केशरी नाथ से मिलने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
प्रयागराज। संगम नगरी के व्यस्त दौरे से कुछ समय निकालकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने उनके निवास पहुंचे। करीब 15 मिनट की मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने गुलदस्ता, संतरे से भरी टोकरी व भगवा दुपट्टा भेंट कर उनका हाल जाना। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह के साथ राजनीतिक परिदृश्य पर भी चर्चा हुई।
पंडित केशरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रयागराज को चमका दें। यहां बहुत संभावना है। खासकर अरैल स्थित त्रिवेणी पुष्प स्थल को विकसित कर पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव दिया। यह भी कहा कि फाफामऊ के पास से यदि गंगा की धारा को दो भागों में बांट दें, एक धारा दारागंज की तरफ और दूसरी झूंसी की तरफ से प्रवाहित हो। बीच में टावर बना दिया जाए तो गंगा तट से जो दृश्य दिखेगा वह मनोरम होगा। इसके अतिरिक्त जनपद में लखनऊ की तर्ज पर चिड़ियाघर बनाने का भी आग्रह किया। इसके लिए यमुनापार में मीरजापुर रोड पर स्थान चिह्नित करने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने सरकार के काम काज के संदर्भ में राय जाननी चाही तो पं. केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार के कार्य से वह संतुष्ट हैं लेकिन जो कार्य हो चुके हैं उनका उल्लेख ठीक ढंग से होना चाहिए। सुझाव दिया कि किस विभाग में कितनी नौकरियां दी गईं, उनका विवरण स्पष्ट करें। इसी तरह जो भी कार्य किए जा रहे हैं बिंदुवार लोगों के समक्ष रखने की जरूरत है। साथ में मौजूद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसपर सहमति जताई। इस मौके पर नीरज त्रिपाठी, कविता त्रिपाठी, शिवेंद्र मिश्र, पदुम जायसवाल, डा. एसएन त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
पं. केशरीनाथ त्रिपाठी ने मुख्मंत्री से कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की रचना आओ फिर से दिया जलाएं की तर्ज पर प्रतिदिन कुछ पंक्तियां सरकार के कार्यों को लेकर लिखेंगे। उनका प्रयोग सरकार अपने विज्ञापनों में कर सकती है। जनवरी तक कुल 30 रचनाएं लिखने का लक्ष्य है। इसके साथ ही उन्होंने यादों को भी ताजा किया। याद दिलाया कि, 2003 में जब वह प्रदेश अध्यक्ष बने तो गोरखपुर पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ ने ही उनका स्वागत किया था।